Friday, February 11, 2011

मेरी आँखों का खयाल रखना .....

एक बार एक लड़का था ! जो एक लड़की को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता था ! उसके परिवार वालो ने भी उसका कभी साथ नहीं दिया ,फिर भी वो उस लड़की को प्यार करता रहा लेकिन लड़की कुछ देख नहीं सकती थी मतलब अंधी थी ! लड़की हमेशा लड़के से कहती रहती थी की तुम मुझे इतना प्यार क्यूँ करते हो !

में तुम्हारे किसी काम नहीं आ सकती में तुम्हे वो प्यार नहीं दे सकती जो कोई और देगा लेकिन वो लड़का उसे हमेशा दिलाषा देता रहता की तुम ठीक हो जोगी तुम्ही मेरा पहला प्यार हो और रहोगी फिर कुछ साल ये सिलसिला चलता रहता है लड़का अपने पैसे से लड़की का ऑपरेशन करवाता है लड़की ऑपरेशन के बाद अब सब कुछ देख सकती थी लेकिन उससे पता चलता है की लड़का भी अँधा था तब लड़की कहती है की में तुमसे प्यार नहीं कर सकती तुम तोह अंधे हो.

में किसी अंधे आदमी को अपना जीवन साथी चुन सकती तुम्हारे साथ मेरा कोई भविष्य नहीं है ..तब लड़का मुस्कुराता है औरजाने लगता है और उसके आखिरी बोल होते है

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मेरी आँखों का ख्याल रखना

15 comments:

Anonymous said...

उफ़ - कुछ कहते नहीं बनता - पढवाने के लिए आभार

ZEAL said...

लड़के का इतना सच्चा प्यार समझ न सकी वो बदनसीब लड़की ।
प्रेरक प्रसंग !

पंख said...

dil ko chu gayi kahani :)

Unknown said...

शुक्रिया।

Creative Manch said...

aah
dil ko bheetar tak chhoo gayi ye kahani


aabhaar

गजेन्द्र सिंह said...

दिल को छु लेने वाली कहानी है ... सचमुच जब किसी को जरूरत से ज्यादा मिल जाता है तो उसे अपने पुराने दिनी की याद नहीं रहती

गजेन्द्र सिंह said...

बहुत ही अच्छी प्रस्तुति

Anonymous said...

वेरी नाइस

निरंजन मिश्र (अनाम) said...

सुंदर शब्दो मे कही गयी सुंदर बात

Patali-The-Village said...

दिल को छु लेने वाली कहानी है| बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति| धन्यवाद|

Hotews said...

When will the blind world start seeing the light...

It happens daily...

Unknown said...

इस बात में कोई भी दो राय नहीं है कि लिखना बहुत ही अच्छी आदत है, इसलिये ब्लॉग पर लिखना सराहनीय कार्य है| इससे हम अपने विचारों को हर एक की पहुँच के लिये प्रस्तुत कर देते हैं| विचारों का सही महत्व तब ही है, जबकि वे किसी भी रूप में समाज के सभी वर्गों के लोगों के बीच पहुँच सकें| इस कार्य में योगदान करने के लिये मेरी ओर से आभार और साधुवाद स्वीकार करें|

अनेक दिनों की व्यस्ततम जीवनचर्या के चलते आपके ब्लॉग नहीं देख सका| आज फुर्सत मिली है, तब जबकि 14 फरवरी, 2011 की तारीख बदलने वाली है| आज के दिन विशेषकर युवा लोग ‘‘वैलेण्टाइन-डे’’ मनाकर ‘प्यार’ जैसी पवित्र अनुभूति को प्रकट करने का साहस जुटाते हैं और अपने प्रेमी/प्रेमिका को प्यार भरा उपहार देते हैं| आप सबके लिये दो लाइनें मेरी ओर से, पढिये और आनन्द लीजिये -

वैलेण्टाइन-डे पर होश खो बैठा मैं तुझको देखकर!
बता क्या दूँ तौफा तुझे, अच्छा नहीं लगता कुछ तुझे देखकर!!

शुभाकॉंक्षी|
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’
सम्पादक (जयपुर से प्रकाशित हिन्दी पाक्षिक समाचार-पत्र ‘प्रेसपालिका’) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
(देश के सत्रह राज्यों में सेवारत और 1994 से दिल्ली से पंजीबद्ध राष्ट्रीय संगठन, जिसमें 4650 से अधिक आजीवन कार्यकर्ता सेवारत हैं)
फोन : 0141-2222225(सायं सात से आठ बजे के बीच)
मोबाइल : 098285-02666

ओशो रजनीश said...

[co="red"]आपने इतने कम शब्दो मे इनती सुंदर बात कही है ...
ये इंसानी फितरत ही है कि खुद को कोई कमी
होने पर इंसान अपने आप को लाचार और
कमजोर महसूस करता है और उस कमी के
पूरा होने पर अपने बुरे वक्त को भूल जाता है ..... [/co]

Sushil Bakliwal said...

सुन्दर प्रस्तुति, आभार...

हिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आप इस क्षेत्र में सर्वोच्च बुलन्दियों तक पहुंचें । आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके अपने ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या बढती जा सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको मेरे ब्लाग 'नजरिया' की लिंक नीचे दे रहा हूँ आप इसका अवलोकन करें और इसे फालो भी करें । आपको निश्चित रुप से अच्छे परिणाम मिलेंगे । कृपया जहाँ भी आप ब्लाग फालो करें वहाँ एक टिप्पणी अवश्य छोडें जिससे दूसरों को आप तक पहुँच पाना आसान रहे । धन्यवाद सहित...
http://najariya.blogspot.com/

विजय कर्ण said...

[co="green"]आप सभी का धन्यवाद मेरे ब्लॉग पर आने के लिए [/co]

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