Sunday, July 10, 2011

मैं और मेरे पिता

जब मै 3 वर्ष का था तब मै सोचता था कि मेरे पिता दुनिया  सबसे मजबूत और  ताकतवर व्यक्ति हैं | जब मैं 6  वर्ष का हुआ तब मैंने महसूस किया कि मेरे पिता दुनिया के सबसे ताकतवर ही नहीं सबसे समझदार व्यक्ति भी हैं | जब मैं 9 वर्ष का हुआ तब मैंने महसूस किया कि मेरे पिता को दुनिया की हर चीज का ज्ञान है | जब मैं 12 वर्ष का हुआ तब मैं महसूस करने लगा कि मेरे मित्रो के पिता मेरे पिता के मुकाबले ज्यादा समझदार है | जब मै 15 वर्ष का हुआ तब मैंने महसूस किया कि मेरे पिता को दुनिया में  चलने के लिए कुछ और ज्ञान कि जरुरत है | जब मैं 20 वर्ष का हुआ तब मुझे   महसूस हुआ कि मेरे पिता किसी और ही दुनिया के है और वे हमारी सोच...

Tuesday, April 26, 2011

बहुत फेमिली प्रॉब्लम है

दो व्यक्ति एक बार में बैठे थे ..... एक ने कहा ...." यार.... बहुत फेमिली प्रॉब्लम है "दूसरा व्यक्ति : तु पहले मेरी सुन....... मैंने एक विधवा महिला से शादी की जिसके एक लड़की थी ... कुछ दिनों बाद पता चला कि मेरे पिताजी को उस विधवा महिला कि पुत्री से प्यार है .. और उन्होने इस तरह मेरी ही लड़की से शादी कर ली .. अब मेरे पिताजी मेरे दामाद बन गए और मेरी बेटी मेरी माँ बन गयी.. और मेरी ही पत्नी मेरी नानी हो गयी !! ज्यादा प्रॉब्लम तब हुई जब जब मेरे लड़का हुआ अब मेरा लड़का मेरी माँ का भाई हो गया तो इस तरह मेरा मामा हो गया .परिस्थिति तो तब ख़राब हुई जब मेरे पिताजी को लड़का हुआ मेरे पिताजी का लड़का यानी मेरा भाई मेरा...

Monday, March 14, 2011

जिन्दगी और मैं

मैं दो कदम चलता और एक पल को रुकता मगर                                  इस एक पल मैं  जिन्दगी मुझसे चार कदम आगे बढ जाती ।  मैं फिर दो कदम चलता और एक पल को रुकता और  जिन्दगी फिर मुझसे चार कदम आगे बढ जाती । युँ ही जिन्दगी को जीतता देख मैं मुस्कुराता और जिन्दगी मेरी मुस्कुराहट पर हैंरान होती । ये सिलसिला यहीं चलता रहता..... फिर एक दिन मुझे हंसता देख एक सितारे ने पुछा तुम हार कर भी मुस्कुराते हो  क्या तुम्हें दुख नहीं होता हारकर तब मैंनें कहा मुझे पता हैं एक ऐसी सरहद आयेगी जहाँ से आगे...

Tuesday, February 22, 2011

बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताए

सेठ घनश्याम दास कपड़े का बहुत बड़ा व्यापारी था। उसने ढेरों दौलत जमा कर रखी थी। उसका व्यापार आस-पास के देशों में भी फैल चुका था। वह कभी-कभी उन देशों की यात्रा भी किया करता था। जब उसका बेटा जवान हो गया तो वह अपने पिता के व्यापार में हाथ बंटाने लगा। एक बार घनश्याम दास ने अपने बेटे रामदास से कहा—‘‘हमारे पास दूर देश से बहुत बड़ा आर्डर आया है, तुम्हें सामान लेकर वहां जाना होगा।’’ रामदास ने अब तक किसी देश की यात्रा नहीं की थी। वह यह जानकर बहुत खुश हुआ कि उसके अब्बा उसे दूर देश भेज रहे हैं। उसने तुरंत वहां जाने की तैयारी शुरू कर दी। अगले दिन रामदास सामान लेकर यात्रा के लिए रवाना हो गया। वह होटल में सामान रखकर वहां के बाजार में घूमने निकला। रास्ते में उसने एक निराला फल बिकते देखा। उसने इतना बड़ा फल आज तक नहीं देखा था। वह फल के पास गया और फल को हाथ में उठाकर देखा...

Friday, February 11, 2011

मेरी आँखों का खयाल रखना .....

एक बार एक लड़का था ! जो एक लड़की को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता था ! उसके परिवार वालो ने भी उसका कभी साथ नहीं दिया ,फिर भी वो उस लड़की को प्यार करता रहा लेकिन लड़की कुछ देख नहीं सकती थी मतलब अंधी थी ! लड़की हमेशा लड़के से कहती रहती थी की तुम मुझे इतना प्यार क्यूँ करते हो !में तुम्हारे किसी काम नहीं आ सकती में तुम्हे वो प्यार नहीं दे सकती जो कोई और देगा लेकिन वो लड़का उसे हमेशा दिलाषा देता रहता की तुम ठीक हो जोगी तुम्ही मेरा पहला प्यार हो और रहोगी फिर कुछ साल ये सिलसिला चलता रहता है लड़का अपने पैसे से लड़की का ऑपरेशन करवाता है लड़की ऑपरेशन के बाद अब सब कुछ देख सकती थी लेकिन उससे पता चलता है की लड़का भी अँधा था तब लड़की कहती है की में तुमसे प्यार नहीं कर सकती तुम तोह अंधे हो.में किसी अंधे आदमी को अपना जीवन साथी चुन सकती तुम्हारे साथ मेरा कोई भविष्य नहीं है ..तब...

Monday, December 6, 2010

पुरानी यादें कभी खत्म नहीं होती

जीवन की पुरानी यादों को भुलाने के लिए मन को कठोर करना पड़ता हैताकि आप अपने पर काबू कर सके ...

Friday, November 5, 2010

दीपोत्सव की बहुत बहुत शुभकामनाये !

मन की सोच ..............ब्लॉग की की तरफ से सभी मित्रो और पाठको को दीपोत्सव की बहुत बहुत शुभकामनाये !विजय क...

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